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बर्फ की नगरी

Writer's picture: Deeksha SaxenaDeeksha Saxena

आसमान से जो बरसी है

सफेद चादर सी बिछी है

दूर से वो चमकी है

ठंड की एक कड़की है

आंखो में एक चमक है

मन में एक उमंग है

जाने कैसा ये राज है

जो बुझती एक प्यास है

आंखो का ये नजारा है

मन को जो लगा प्यारा है

लम्हा जो ये बीत रहा है

मन में मगर जो जी रहा है

जाते हुए मन उदास है

फिर से मिलने की मगर आस है

कुदरत का ये ऐसा अंदाज है

सुनती मेरे मन की जो अरदास है

उन लम्हों को जीने की

बची बस यही एक रात है

बर्फ की इस नगरी का

हर लम्हा दिल के पास है।

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