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Writer's pictureDeeksha Saxena

सफर - the journey

Updated: Feb 13, 2020

पथरीला और संकरा है रास्ता,

मगर चलना तो है,,,

कांधे पर बोझ लादे हुए,

रास्तों के झटकों को चूमते हुए,

आगे क्या आने वाला है,

पता करना तो है,,,

तपती धूप,

फिर घने जंगलों की छाव सा,

गीली फिसलती मिट्टी

और पंछियों की पुकार सा,

गिरते है फिर संभलते हुए,

ये सफर पूरा करना तो है,

मगर चलना तो है,,,

ऊंचे पहाड़ भी चड़ेंगे,

गहरी खाई में भी जाएंगे,

झरनों में खेलेंगे भी

धूप में खुद को सुखाएंगे भी,

रुकना नहीं है,

ऊंचाई पर पहुंचना तो है,,,

रास्ता तय किया है,

पूरा करना तो है,,,

मंज़िल पर पहुंच कर,

एक नई मंज़िल को ढूंढ़ना तो है।

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